शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

दहेज पर लेख पर विवाद

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर की हेडलाइन है - Ugly Bride reeason for dowry : Maha Text Book . लाइन दी गई है कि - If a girl is ugly and handicapped , it becomes very difficult for her to get married . To marry such girls bridegroom and his family demand dowry .
हालाँकि कोई कमेंट करने से पहले में पूरा लेख पढ़ना पसंद करता , फिर कोई राय कायम करता कि इससे क्या मतलब निकलता है । हालाँकि जो लाइन दी गई है उससे यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि कुरुपता या दिव्यांगता को दहेज का कारण बताया जा रहा है ,बल्कि यह है कि कुरुपता और दिव्यांगता दहेज समस्या को और बढ़ाती है । यह सच है कि दहेज की रकम कई फैक्टरों पर निर्भर करता है और लड़की की सुंदरता इसमें मेजर फैक्टर होता है ।
लड़की वाले तक कहते पाए जाते हैं कि हमारी लड़की खुबसूरत है तो दहेज क्यों देंगे या लड़की इतनी सुंदर है तो किसी दुकानदार /गैरेज वाले को नहीं ब्याहेंगे ।
सवाल है कि कड़वे सच से छात्रों को क्यों नहीं परिचय कराया जाए ? क्यों सामाजिक समस्याओं पर लेख देते समय शुगर कोटेड वर्जन दिया जाए ? और यह तथ्य बताना इसका समर्थन कैसे हो गया ?
अफसोस है कि इन दिनों कई बार भाषा पर फोकस इस कदर हो रहा है कि असली मुद्दे ही गायब हो जाते हैं । संवाद में मंतव्य समझा जाता है । बात पकड़ कर विवाद खड़ा करना मकसद हो तो बात अलग है , लेकिन तब संवाद नहीं होता ।

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