शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

मेरे बहुजन मित्रों - सरकारी नौकरी सत्ता में घूसपैठ है

आरक्षण पर हमले तो होते ही रहे हैं । आगे भी होते रहेंगे । विरोध का एक आधार यह भी है कि आरक्षण द्वारा सभी को रोजगार नहीं दिया जा सकता है । और नौकरी की संख्या घटती ही जा रही है । विनिवेश के कारण कई सरकारी उपक्रम बंद हुए हैं । कई विभागों में तदर्थ भर्ती कर के काम चलाया जा रहा है ।
उपर्युक्त बात में दम है । लेकिन बहुजन मित्रों को याद रखना चाहिए कि आरक्षण सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं है , शासन और सत्ता में भागिदारी है । सत्ता संस्थानों के द्वारा ऑपरेट करती है । इन संस्थाओं में बहुजनों का बहुमत होना ही चाहिए । पुलिस , लोक सेवा आयोग की नौकरियाँ , आदि द्वारा संस्थाओं में घूसपैठ संभव है ।
आजीविका व्यवसाय , उद्यम आदि द्वारा कमाया जा सकता है और इसका अपना महत्व है , लेकिन सत्ता में भागिदारी के लिए नेता बनने और चुनाव लड़ने के अलावा यही एक तरीका आम बहुजनों के लिए उपलब्ध है ।
इसलिए बहुजनों के लिए सरकारी नौकरी का अपना महत्व है । जहाँ आरक्षण नहीं है - सेना और न्यायालय आदि लेकिन सत्ता केंद्र हैं वहाँ आरक्षण लागू करवाने और बिना आरक्षण के भी घूसपैठ करने और बहुमत में आने का प्रयास जारी रहना चाहिए ।
#मेरे_बहुजन_मित्रों

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