रविवार, 12 फ़रवरी 2017

उत्तर प्रदेश में इस बार बसपा को मौका देना चाहिए !

लोकतंत्र के वर्तमान स्वरुप में दल महत्वपूर्ण हैं । कोई भले ही किसी दल से बँधा न हो , उम्मीदवार को प्राथमिकता दे , लेकिन दल पर भी विचार करना जरुरी हो जाता है ।
यूपी चुनाव में मुख्य मुकाबला त्रिकोणीय है । एक तरफ सपा-काँग्रेस , दूसरी तरफ भाजपा और तीसरी तरफ बसपा ।
मेरे ख्याल से इस बार यूपी चुनाव में बसपा और मायावती बेहतर विकल्प है ।
सपा एक सत्ताधारी पार्टी होने के कारण बदलाव होना चाहिए । एक सांप्रदायिक दंगों /तनाव को नियंत्रित नहीं कर पाये । सिर्फ भाजपा और संघ को दोष दे कर अपनी जिम्मेदारी से बरी नहीं हुआ जा सकता है ।
दूसरे सामाजिक न्याय के नाम पर उनका रवैया ढूलमूल लगता है । प्रोमोशन में मिलने वाले आरक्षण को वापस लिया । तीसरे एक परिवार का इस कदर दबदबा कि दूसरे के लिए कोई जगह ही नहीं होना । जमीनी नेतृत्व तो इस तरह नहीं उभरता ।
2014 के लोकसभा में भाजपा को एक मौका दिये जाने के वे भी समर्थक थे जो भाजपा के कोर समर्थक नहीं थे और भाजपा को लेकर सशंकित रहते थे । मोदी ने अपने कारनामों से ऐसे लोगों को फिर से अपने लोगों से दूर कर लिया है । भाजपा को कम से कम इस बार संदेह लाभ नहीं दिया जा सकता है ।
बसपा एक तो राजनीति में दलित दावेदारी को पुख्ता करने के लिए जरुरी है । दूसरे सख्त प्रशासन के लिए भी मायावती जानी जाती हैं । मूर्तियाँ बनवाना मुझे कोई अपराध तब भी नहीं लगा था । घोटाले के आरोप से कोई दल और नेता अछूता नहीं है ।

बेहतर है इसबार मायावती को चुना जाए ।



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