सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

अपर्णा बिष्ट यादव के बयान पर प्रतिक्रिया

सपा नेता और मुलायम परिवार की सदस्य अपर्णा बिष्ट यादव का कहना है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए । या तो वे नासमझी की शिकार हैं या रणनीतिक रुप से सवर्ण को लुभाने का प्रयास कर रही हैं । यहाँ गौरतलब है कि वे खुद सवर्ण हैं ।
उनके बयान से ज्यादा खेदजनक है कि अभी तक सपा की ओर सो खंडन में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है । उल्टे सपा समर्थक बचाव करते देखे जा रहे हैं । मेरा मानना है कि सपा और उसके समर्थकों की जिम्मेदारी है कि वे स्थिति और अपना स्टैंड स्पष्ट करें । अगर वे अपने कोर वोटर की कीमत पर दूसरों को जोड़ना चाहते हैं तो उनकी रणनीतिक समझ में खोट है ।
वैसे भी , अखिलेश पर संघ /भाजपा से सहानुभूति रखने का आरोप लगता रहा है । वे दंगों पर भी काबू करने में नाकामयाब रहे और संघ /भाजपा को खाद पानी मुहैय्या कराते रहे ।प्रमोशन में आरक्षण पर भी इन्होंने धोखा दिया । बेहतर होगा अखिलेश अपने एजेंडे पर चलें , संघ के नहीं । वरना लोग सीधे संघ और भाजपा को चुनेंगे , सपा को नहीं ।
आर्थिक रुप से आरक्षण लागू करने का मतलब होगा बहुजनों के लिए आरक्षण का खात्मा और सवर्णों के लिए 100 % आरक्षण ! बहुत से बहुजन ज्यादातर पढ़े लिखे पिछड़े सवर्णों के इस मिथ्या प्रचार में फँस जाते हैं कि आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए । आरक्षण गरीबी हटाओ कार्यक्रम नहीं है , प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का टूल है ।
गरीबों के लिए मनरेगा है , जनवितरण प्रणाली है , आदि ।
लिखकर , बोलकर , धरना प्रदर्शन द्वारा ऐसे हर बयान का विरोध होना चाहिए । ताकि नेता लोग ऐसा करने , बोलने के पहले सोचने से भी डरे !

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