रविवार, 5 फ़रवरी 2017

निवेदिती मेमन पर एफआईआऱ

जोधपुर विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर निवेदिता मेनन पर राष्टेरविरोधी बयान देवे के लिए एफआईआऱ करवाया है । उनपर आरोप है कि उन्होंने विवादित बयान दिया है । कहा है कि - कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है । और सेना में लोग नौकरी करते हैं देशसेवा नहीं ।
पहले इस तरह के आरोप कोई सेना , कोई महासभा आदि करते थे जिनका अध्ययन, शोध आदि से कोई संबंध नहीं होता था । लेकिन इन दिनों खुद विश्विद्यालय ही इस तरह ज्ञानविरोधी और विचार विमर्श विरोधी माहौल बनाने का काम करही है ।
भाजपा सरकार चुन चुन कर अपने लोगों को विश्विविद्यालयों में बैठा रही है । अपनो लोगों को सभी पुरस्कऋत करते हैं । लेकिन ऐसे लोग तो बैठाएँ जो विपक्ष को सम्मान देना चाहें , न कि सत्ता के दम पर आवाज का गला घोंटें ।
कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है , यह एक तथ्य है । इस तथ्य को विवादित और देशद्रोह क्यों माना जाए ? यदि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं तो क्यों धारा 370 है ? क्यों वहाँ सेना तैनात है ? क्यों वहाँ अलग संविधान और झंडा है ? क्यों वहाँ दोहरी नागरिकता है जबकि अन्य राज्यों मसलन बिहार में ऐसा नहीं है ?क्या भारत सरकार ने हाल में स्थीति परिवर्तन के लिए कोई कार्यवाई की है ? ऐसा होना चाहिए या नहीं यह एक अलग मुद्दा है ।
फिर विचार विमर्श में पुलिस का क्या काम ? लेख, आर्टिकल, किताब आदि का विरोध लिख कर ही हो सकता है, पुलिस कोर्ट कचहरी से नहीं । यह एक गलत रवैया जोर पकड़ता जा रहा है जिसका विरोध होना चाहिए ।

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