बुधवार, 1 फ़रवरी 2017

मेरिट कैसे छिनी जाती है

मेरिट कैसे छिनी जाती है यह देखना हो तो हाल में मिर्चपुर की घटना देखिए ।
खबरों के अनुसार एक खेल प्रतियोगिता हुई तो एक दलित जीत गया । फिर जाति के कुंठा से ग्रस्त लोगों ने टीका टिप्पणी की और मारपीट तक बात पहूँची । यहाँ तक कि दलित परिवारों को गाँव छोड़ना पड़ा ।
खेल में काफी हद तक प्रदर्शन वस्तुनिष्ठ ढंग से मापा जा सकता है । यकीनन , दलित ने अपने प्रदर्शन के दम पर ही खेल जीता । लेकिन बाद की घटना दर्शाती है कि कैसे मेरिट/प्रतिभा की हत्या की जाती है ।
कल्पना कीजिए कि आगे इस घटना का परिणाम क्या होगा ? दलित अपने जान माल की सुरक्षा के लिए ऐसी प्रतियोगिता में भाग लेना बंद कर देंगे । जो करेंगे वे जीतने की कोशिश नहीं करेंगे । आगे चलकर संभव है वे खेल के बारे मं सोचना ही बंद कर दें । और बाद में सवर्ण कहेंगे - इन लोगों में तो मेरिट ही नहीं होता । दम है तो मेरिट दिखाए ।
मारपीट की घटना दलितों का दबाने और सवर्ण वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए है । आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि अतीत में किस तरह सत्ता के दम पर बहुजनों के मेरिट की हत्या की गई होगी ।

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