रविवार, 19 मार्च 2017

योगी के मुख्यमंत्री बनने पर प्रतिक्रिया

योगी के मुख्यमंत्री बनने पर प्रतिक्रिया
- गौर कीजिए कि उत्तर प्रदेश सरकार में जाति समीकरण साधने का बहुत प्रयास किया गया है , बावजूद इसके भाजपा जातिवाद की राजनीति कर रही है , कोई नहीं कहता है । वहीं मायावती बहुजन के बजाए सर्वजन पर आ जाती हैं , पर जातिवादी कहलाती हैं ।
- मौर्य भले ही भाजपा की कमान संभाले रहे , लेकिन उन्हें नम्बर दो , वह भी साझा , से संतोष करना पड़ा । जब दौड़ नम्बर दो तर ही थी तो बसपा में ही क्या बुराई थी ? भाजपा ने वही किया जो उसकी राजनीति है - बहुजनों का इस्तेमाल अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में करेंगे और सत्ता शेयरिंग की बात आई है तो किनारे खिसका देंगे । महाराष्ट्र में जो जमीन मुंडे , खड़से आदि ने तैयार की , उस पर जब भाजपा सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री बना । यूपी में भी मुख्यमंत्री एक सवर्ण बना । कृपया योगी और महंत से धोखा न खाएँ । भारत में योगी/सन्यासियों की भी जाति होती है । सनातनियों के घर में तुलसी की पूजा होती है , कबीर की नहीं ।
- कट्टरता उत्तरोत्तर बढ़ती जाती है । आडवाणी अटल के मुकाबले कट्टर माने जाते थे । मोदी आडवाणी के मुकाबले कट्टर माने जाते हैं । योगी मोदी के मुकाबले कट्टर माने जा रहे हैं । भाजपा की चली तो उसके बाद योगी से भी कट्टर सत्ता प्रधान मिलेगा । और भारतीय जनता की कट्टरता के प्रति "सहिष्णुता" बढ़ती रहेगी ।
- भाजपा और संघ अपने हिसाब से कट्टर तत्वों का इस्तेमाल करती है और मुसीबत में फँसने पर "फ्रिंज एलिमेंट्स " कह कर खुद से दूर बता देती है लेकिन भीतरखाने उनकी सुरक्षा और तरक्की का रास्ता बनाती रहती है । इस बार यह पर्दा नहीं रखा गया है ।
- जरुरी नहीं कि जिसका परिवार नहीं है , वह लाभ लोभ से परे है । हकीकत तो यह है कि जो लोग सत्ता और शक्ति के लिए लालायित रहते हैं , वे सबसे पहले परिवार की ही बलि देते हैं । मठों , मंदिरों में जितना धन , बल , प्रभाव और प्रतिष्ठा मिलती है , उसके लिए लोग परिवार छोड़ दें तो क्या आश्चर्य !
-जो लोग योगी के घोर आपराधिक बयानों का बचाव यह कह कर रहे हैं कि वह उनकी राजनीतिक मजबूरी है और मुख्यमंत्री बनने के बाद वे अपने हार्डलाइन से किनारा कर लेंगे , वे खुशफहनी पाल रहे हैं । योगी ने वे बयान सांसद रहते हुए दिये हैं । लोकतंत्र में साँसद भी एक बहुत जिम्मेदार पद होता है । तब फर्क न पड़ा तो मुख्यमंत्री पद से फर्क पड़ेगा , ऐसा मुझे नहीं लगता ।
- हालाँकि अब के समय में यह कहना अर्थहीन लगता है और कहने के अपने खतरे हैं , फिर भी कहना जरुरी समझता हूँ कि योगी की राजनीति का मैं समर्थन नहीं करता । न ही कभी करुँगा ।

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