रविवार, 12 मार्च 2017

उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम प्रतिक्रिया 4

उत्तर प्रदश मे चुनाव भाजपा ने जीता तो इसे मोदी की जीत बताया जा रहा है । यकीनन मोदी ने जिस तरह प्रचार किया और वे उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनावी चेहरा बने रहे , बनिस्पत किसी मुख्यमंत्री के चेहरे के , उसे देखते हुए ऐसा कहना गलत न होगा ।
लेकिन सवाल यह है कि फिर विधानसभा के चुनाव में राज्य के मुद्दे और राज्य के चेहरे कहाँ गए ?
इससे पहले भी महाराष्ट्र के स्थानीय चुनावों में जीत को मोदी की जीत बताया गया ।
भारत राज्यों का संघ है । लोकसभा चुनाव में केंद्र सरकार और उसके कामकाज की समीक्षा हो , उसे केंद्र के काम के लिए मैंडेट माना जाए तो ठीक है , लेकिन राज्य के चुनाव में राज्य के मुद्दे और राज्य के नेता हाशिए पर रहें , यह सही नहीं है ।
अगर ऐसा है तो फिर अलग अलग स्तरों पर चुनाव, सरकार और सत्ता संस्थानों की क्या जरुरत है ? लोकसभा का चुनाव हो और केंद्र सरकार ही राज्य से लेकर स्थानीय निकायों तक सबकी नियुक्ति करे , नियम बनाए और शासन चलाए ! ऐसा न व्यवहारिक है और न वांछनीय !खासतौर से भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में ।
लोकतंत्र में सत्ता विभिन्न स्तरों पर विभाजित है और उनकी अलग अलग भूमिकाएँ हैं । यदि सब कुछ केंद्र से संचालित होता है या केंद्र की राजनीति के अनुरुप होता है तो कहना पड़ेगा कि लोकतंत्र का स्पेस सिकुड़ रहा है । फिर स्थानीय निकायों में चुनाव के वक्त स्थानीय मुद्दों को कैसे और कब उठाएँगे लोग ? राज्य के चुनाव में राज्य की राजनीति के बजाए केंद्र की राजनीति हावी रहेगी तो राज्य स्तर के मुद्दे कब उठाए जाएँगे ?
अति शक्तिशाली केंद्रीय नेतृत्व और सत्ता का केंद्रीकरण लोकतंत्र और देश के लिए सही नहीं है ।
उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम प्रतिक्रिया 4

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें