शनिवार, 11 मार्च 2017

उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम 2

मैं किसी पार्टी का कैडर और सपोर्टर नहीं हूँ । मेरे लिए मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हैं ।
फिर भी उत्तर प्रदेश चुनाव में मेरा समर्थन बसपा को था । और बावजूद इस हार के मुझे अपने निर्णय पर पछतावा नहीं है ।बसपा और मायावती भारतीय लोकतंत्र की सफलता के स्मारक हैं । उनका आज भले ही धूमिल दिख रहा हो ।
मैं न केवल उत्तर प्रदेश में बसपा को देखना चाहता हूँ , बल्कि अन्य राज्यों में उसके फैलने और राष्ट्रीय स्तर पर एक विकल्प के रुप में उभरने की कामना करता रहा हूँ । बसपा एकलौती बड़ी पार्टी है जिसका नेतृत्व एक दलित स्त्री के हाथ में है । जिसका मिशन सामाजिक न्याय है । इकलौती पार्टी जिनके नाम में ही बहुजन है ।बसपा और मायावती से शिकायतें अपनी जगह हैं ।
लेकिन गजब कि बसपा अपनी जमीन पर ही सिमट रही है । लोकसभा में एक भी सीट न जीत पाना और विधानसभा में ऐसा प्रदर्शन पार्टी के नेतृत्व और रणनीति पर और सवालिया निशान उठाते हैं । ईवीएम, मीडिया पर ठीकरा फोड़ना सही नहीं है । हार स्वीकार की जानी चाहिए ।
बसपा की हार बहुजन को पीछे ढकेल देगी और मुझे डर है कि कहीं वह बढ़त भी गँवा न दिए जाएँ जो एक लंबे संघर्ष से थोड़ा बहुत हासिल हुआ है ।
मेरा हमेशा से मानना है कि राजनीति सिर्फ चुनाव केंद्रित नहीं होनी चाहिए । लेकिन चुनाव और जीत के महत्व को नजरअँदाज भी नहीं किया जा सकता है । यदि इसी तरह चुनाव दर चुनाव हारते रहे तो विचारधारा और मिशन की लाश ढोने के लिए भी कंधे नहीं मिलेंगे ।
मुझे भाजपा की जीत से ज्यादा बसपा की हार का दुख है ।
उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम 2

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