सोमवार, 17 अप्रैल 2017

बदलाव के लिए अपने प्रभाव क्षेत्र में काम करें

- कट्टर हिंदूओं को मुस्लिम महिलाओं की फिक्र हो रही है । उन्हें हिंदू महिलाओं की दहेज हत्या , ऑनर कीलिंग आदि से प्राब्लम नहीं है ।
- कट्टर सवर्णों को गरीब दलितों की फिक्र है , उन्हें अपने समाज के जीतिगत दंभ से समस्या नहीं है ।
- कट्टर राष्ट्रवादी को पाकिस्तान /बांग्लादेश के लेखक/ पत्रकार की चिंता है , लेकिन अपने देश के लेखक /पत्रकार की सुरक्षा की चिंता नहीं है ।
मने यह कि हर कोई वहाँ बोलेगा जहाँ मामला दूरदराज का है और वह लिखने के अलावा कुछ नहीं कर सकता है । यहाँ लिखने और आवाज उठाने की महत्ता को कम नहीं आँका जा रहा है । बल्कि इस तथ्य को रेखांकित किया जा रहा है कि कई बार दूर के मामले पर हल्ला इस लिए उठाया जाता है कि उस मामले में कुछ किया नहीं जा सकता है या कुछ करना न पड़े ।या दूसरों को काला साबित करके खुद को तसल्ली दी जा सके ।या किसी हिडन एजेंडे जो इतना भी छूपा नहीं होता - के तहत मामले को तूल दी जाती है ताकि पोलिटिकल या अन्य माइलेज लिया जा सके ।
बदलाव के लिए जरुरी है कि हम उन मुद्दों पर हाथ डालें जो हमारे आसपास - समाज, कार्यालय , परिवार आदि से संबद्ध रखते हैं । जिसके बारे में हमारी राय न केवल मायने रखती है , बल्कि वहाँ हम या तो निर्णय लेने की स्थीति में होते हैं या निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं । वे कार्य कर सकते हैं जो हमारे प्रभाव क्षेत्र में आते हैं ।

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