मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

भारत में मंदिर निर्माण कोई समस्या नहीं है ।

गौर कीजिए
- आस्ट्रेलिया के राष्ट्र प्रमुख भारत आये तो मोदी उन्हें अक्षरधाम मंदिर ले गये । यह मंंदिर हाल के वर्षों में बना है । यानी यह कोई ऐसा मंदिर नहीं है जिसके पीछे सैकड़ों सालों का इतिहास हो जैसे रामेश्वरम है या पुरी है या कामख्या है ।
- अक्षर धाम कोई एकलौता भव्य मंदिर नहीं है जो हाल के वर्षों में बना है । बिड़ला ने पुरे देश में अलग अलग जगहों पर बिड़ला मंदिर बनवाया है जो भव्य है और भक्तों के साथ सैलानियों आदि के भी आकर्षण का केंद्र है । इस्कॉन ने भी कई मंदिर बनाए हैं । कई गावों , कस्बों और छोटे शहरों में भी ढेर सारे मंदिर है जिनका निर्माण , जीर्णोद्धार , नए सीरे से भव्य निर्माण आदि होता ही रहता है ।
- इसके अलावा पेड के नीचे , बाजारों में , सड़क किनारे छोटे छोट मंदिर पूजा स्थल पनपते ही रहते हैं . कई बार तो यह सार्वजनिक जमीन पर कब्जे के लिए होता है और प्रशासन धार्मिक भावना न भड़के - इस डर से आँखे मुँदे रहती है । यह सीधे सीधे हिंदी तुष्टीकरण है . ।
इसी देश में एक राम मंदिर का मुद्दा है जो सालों से चला आ रहा है । भाजपा और संघ ऐसा प्रचारित करती और करवाती है गोया भारत में हिंदू धर्म के पालन पर रोक लगी है और मंदिर नहीं बनने दिया जा रहा है । भारत मे मंदिर निर्माण कोई समस्या नहीं है । उन्होंने जानबूझकर एक विवादित जमीन चुनी है ताकि पोलिटिकल माइलेज लिया जा सके । वरना अयोध्या में भी मंदिर बन सकता था जैसे अक्षरधाम बना , बिड़ला मंदिर बना , इस्कॉन के मंदिर बने , बिना हो हल्ले को और बिना किसी विवाद के । किसी मुसलमान ने आपत्ति नहीं की ।
इस बात को समझिए ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें