सोमवार, 17 अप्रैल 2017

मेरे बहुजन मित्रोें - कोई सफाई देने की जरुरत नहीं है !

यह महज इत्तिफाक नहीं कि अंबेडकर जयंति के समय ऐसे मैसेज और बयानों की बाढ़ आ जाती है , जिसमें यह बताया जाता है कि डॉ. अंबेडकर संविधान के निर्माता नहीं हैं । जो यह मान लेते हैं , वे इसे कॉपी पेस्ट साबित कर महत्ता कम करने की कोशिश करते हैं । कोई श्रेय संविधन सभा को देते हैं और अंबेडकर को महज टाइपिस्ट बताते हैं । हालाँकि डॉ अंबेडकर इन सब से ऊपर हैं और समय के साथ उनके योगदान और महत्व को उनके विरोधी भी मान रहे हैं ।
फिर भी यहाँ उस सवर्ण मानसिकता और धूर्तता को उजागर करना जरुरी है कि उनके लिए कोई दलित काबिल नहीं हो सकता है । यदि किसी ने काबिलेतारिफ काम किया है तो वह महत्वपुर्ण नहीं है । यदि महत्वपुर्ण है तो उसके लिए कोई सवर्ण का सहयोग और आशीर्वाद से हुआ है । चाहे अंबेडकर हों , कबीर हों या ऑफिस का कोई आम सहकर्मी ! सवर्ण प्रोपगैंडा इसी तरह चलता है ।
कबीर को किसी ब्राह्मण विधवा की संतान बता दिया जाता है । अंबेडकर की शिक्षा में सवर्ण के यागदान पर बात कर पुरी शोषणकारी समाज व्यवस्था पर पर्दा डालने की कोशीश करेंगे । किसी बहुजन सहकर्मी के मामूली गलती को - कोटे वाला है न !- कहकर मजाक उडाएँगे और खुद और अपनी बिरादरी वालों की बड़ी बड़ी गलतियों पर - काम करने वाले से ही गलती होती है - कहकर बचाव करेंगे ।
मेरे बहुजन मित्रों !यह ध्यान रखिए कि उनकी आलोचना से हतोत्साहित होने की जरुरत नहीं है । आप अपने शत्रु को खुश नहीं कर सकते हैं । जिन्हें आपके होने से ही एतराज है , उन्हें कोई भी दलील आपके प्रति सौहार्द्यपुर्ण व्यवहार के लिए आश्वस्त नहीं कर सकती है । इसलिए आपकी क्षमता पर संदेह करने वाले , आपत्ति उठाने वाले , आपको कोटे वाला कहकर अपमानित करने वालों को कोई सफाई देने की जरुरत नहीं है । उन्हें उसी समय बाहर का रास्ता दिखाइए ! बोलने वाला वरिष्ठ है तब भी उनको उनकी जगह दिखाइए !
#मेरे_बहुजन_मित्रों

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