शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

मेरे बहुजन मित्रों - सीरिज सिर्फ बहुजनों के लिए हैै ।

स्पष्ट कर दूँ
- जिस पोस्ट पर मैं #मेरे बहुजन मित्रों लिखता हूँ , वह एक सीरिज है जो मैं बहुजनों के लिए उन्हें ध्यान में रखते हुए लिखता हूँ ।
उस पोस्ट पर मैं किसी सवर्ण से संवाद करने का इच्छूक नहीं हूँ ।ऐसा इसलिए कि उनकी आलोचना और आपत्तियाँ अपेक्षित ही हैं । सवाल
वही घिसे पिटे
- आरक्षण क्यों लेते हो ?
- फेसबुक पर लिखकर क्या होगा ?
- ये करो, वो करो !
- जमाना बदल गया है ।
-जातिवाद क्यों फैलाते हो ?
- मैं तो जाति नहीं मानता ?
आदि आदि !
इन सवालों को वे इस ठसक से पूछतें हैं गोया मैं उनके घर का नौकर हूँ । और जवाब देना मेरी मजबुरी ! वैसे नौकर के भी कुछ अधिकार होते हैं ।
इन सवालों के जवाब दिये जा सकते हैं , देता भी हूँ लेकिन मेरा अनुभव है कि वे सब समझ कर न समझने की नौटंकी करते हैं जिसे मैं उनकी धूर्तता मानता हूँ ।
दूसरे उन्हें समझाने से ज्यादा जरुरी मैं बहुजनों को समझाना , जागरुक करना समझता हूँ । और यह मेरा छोटा सा प्रयास है ।
किसी सवर्ण से दोस्ती , संबंध से एतराज नहीं लेकिन जाति के मसले पर कोई समझौता नहीं । वे इस सच के साथ संबंध - चाहे फेसबुक पर या असल दूनिया में - रखें तो ठीक, वरना नमस्कार !!अलविदा!

1 टिप्पणी:

  1. श्रवण जी, क्या आप के परिवार के हर बंसज को आरक्षण का लाभ मिलते रहना चाहिए, या आपका परिवार सम्पनता प्राप्त करने के बाद इस कोटा को अन्य गरीब के लिए छोड़ेगा?

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