शनिवार, 23 जुलाई 2016

कबाली



कबाली
फिल्म कैसी थी , उससे पहले बता दूँ कि कई लोग फिल्म देखते हुये बीच में ही उठ कर चल दिये । फिल्म इतनी भी बुरी नहीं थी , आखिर !
रजनीकान्त या किसी   भी  सुपर स्टार की फिल्म पॉर्न सरीखी होती है ,  एक्ट एक ही होता है , वही बार बार  दोहराया  जाता है फिर  भी दर्शक उत्तेजना के शमन के लिए देखते हैं । पूरी फिल्म में रजनीकान्त छाए है । यही अपेक्षित भी था । लेकिन उनका जो लार्जर  दैन लाइफ का किरदार है वह उभरता नहीं है । शुरुआत और अंत में एक्शन दृश्य  अच्छे है , लेकिन बीच में अपनी पत्नी को ढूंढते हुये रजनीकान्त एक थके  हुये बूढ़े लगते हैं ।  फिल्म इस समय इतनी धीमी हो जाती है कि आप फेसबुक चेक  करने लगेंगे ।
स्टार के साथ स्टोरी भी चाहिए होती है । नहीं भी है तो चलेगा , लेकिन फिर दर्शक को बांधे रखने के लिए कुछ तो चाहिए न ? कॉमेडी , गाने । वह भी नहीं है । वैसे फैन तो शायद रजनीकान्त के देखने आते हैं फिल्म नहीं । खैर !

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