सोमवार, 4 जुलाई 2016

आतंकवाद और आम मुसलमान

आतंकवाद और आम मुसलमान
मुझे हमेशा दिक्कत रही है जब पाला खींच कर कहा जाता है या तो आप इधर के हैं या उधर के , वरना किसी काम के नहीं हैं ।
जब भी आतंकवादी घटनाएँ मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा होती है तो आम मुसलमान और इस्लाम भी निशाने पर आता है । ऐसा करने में सबसे ज्यादा दूसरे धर्मों के कट्टरपंथी आगे होते हैं, जिनका बस  चले तो वे भी यही करें ।  निशाने पर हमारे जैसे सेक्युलर भी होते हैं जो अल्पसंख्यकों के नागरिक अधिकारों और सुरक्षा का समर्थन करते हैं । विरोधियों द्वारा  इसका मतलब आतंकवाद का समर्थन लगाया जाता है जो नासमझी है।
मैं निजी तौर पर आम मुसलमान और मुस्लिम  आतंकवादियों में फर्क करता हूँ , मैं इस्लाम और आतंक को प्रश्रय देने वाले वहाबीज़्म /रेडिकल इस्लाम और इस्लाम जिसे आम मुसलमान पालन करता है में फर्क करता हूँ।
सीरिया में क्या हो रहा है , बांग्लादेश में क्या हो रहा है इसके आधार  पर मैं उन मुस्लिम मित्रों, पड़ोसियों , परिचितों आदि पर शक/दुर्व्यवहार/भेदभाव  नहीं करूंगा जिनसे हमारा रोज़मर्रा का जीवन जुड़ा हुआ है । उन्हें मैं सिर्फ इसलिए आतंकवादी नहीं मान सकता क्योंकि उसके धर्म के नाम पर कुछ लोग/संगठन हत्याएँ कर रहे है , आतंक फैला रहे हैं ।
लेकिन इस्लाम के आतंकवादी वर्जन पर उंगली उठाना और आलोचना करना न केवल उचित है बल्कि जरूरी है , ऐसा करते हुये हम कभी भी मुसलमानों के अपने धर्म को मानने के अधिकार का विरोध नहीं कर सकते । दूसरे इस तरह की घटनाओं के पीछे के जो भू राजनैतिक कारण हैं , उन्हें कम कर के नहीं आँका जाना चाहिए। सीरिया, अफगानिस्तान आदि में जो स्थिति है उसके लिए सिर्फ इस्लाम को दोषी नहीं माना जा सकता है और न ही रेडिकल इस्लाम की भूमिका से इंकार किया जा सकता है।
आतंकवाद से निबटने की ज़िम्मेदारी सरकार की है । इसके लिए सेना है, एटीएस है , इंटेलिजेंस है । सतर्क रहना हमारी ज़िम्मेदारी है लेकिन इस आधार पर सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाना देश और समाज की सुरक्षा के लिए घातक है और इसका फाइदा सिर्फ और सिर्फ कट्टरपंथियों को मिलेगा । ये कट्टरपंथी चाहे जिस भी धर्म के हों अपने धर्म के लोगों का ही सबसे ज्यादा नुकसान करते हैं, दावा भले ही उनकी भलाई का  करते हैं। दूसरे धर्म के कट्टरपंथ से मुक़ाबले  के लिए अपने धर्म के कट्टरपंथ का समर्थन न करें । इससे बेहतर है स्टेट मशीनरी पर भरोसा करें और उनपे दबाव बनाकर अपनी  सुरक्षा और हित का काम करवाएँ !

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