सोमवार, 25 जुलाई 2016

न्याय की देवी



न्याय की देवी
कानून और कचहरी का जब भी जिक्र होता है , न्याय की देवी की मूरत साथ ही उभरती है – आँखों पर पट्टी बंधे , एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार । आँखों पर पट्टी  का मतलब है सब को एक जैसा मानना, निष्पक्षता । तराजू का मतलब है किसी भी विषय या व्यक्ति के  गुण  दोष को तौलना और फिर निर्णय देना । दूसरे हाथ में दोधारी तलवार है जो न्याय के लिए उठती है ।
यह न्याय की देवी रोमन मिथक कथाओं की देवी है। इसी से मिलती जुलती न्याय की देवी ग्रीक कथाओं में है –थेमीस और  मिश्र की कथाओं में इसिस ! सवाल है भारत के पौराणिक कथाओं में देवी देवताओं की भीड़ में न्याय की देवी या देवता कौन है ? धन की देवी है –लक्ष्मी । विद्या की देवी है-सरस्वती । शक्ति की देवी है – दुर्गा । लेकिन न्याय की देवी कौन है ?
धर्म का जिक्र आता है । युधिष्ठिर और  विदुर धर्म के अवतार ही कहे जाते हैं , लेकिन उनके बारे में कथाएँ, महिमा बहुत लोकप्रिय नहीं है , कम से कम मेरे स्मृति में तो नहीं। वैसे यमराज को भी नियमन करने वाले देवता के  रूप में माना जाता है । लेकिन उनकी भूमिका तो मृत्यु के बाद शुरू होती है ।  लौकिक जीवन में  न्याय का प्रतिनिधित्व तो वे नहीं करते ।
संभव है न्याय को धर्म में समाहित माना गया हो । फिर धर्म एक देव के रूप में प्रतिष्ठित क्यों नहीं है ?ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि भारत में न्याय की अवधारणा नहीं थी । भारत के दार्शनिक संप्रदायों में एक संप्रदाय का नाम ही “न्याय “ था । मनुस्मृति की आलोचना भले ही आधुनिक मूल्यों के हिसाब से करें, लेकिन वह एक कानून की किताब तो थी ही । कई जगह मनु की  ही प्रतिष्ठा है लेकिन वे एक साधु, दार्शनिक भले ही कहे जाएँ देवता पद पर प्रतिष्ठित तो नहीं है ।
फिर भारतीय संदर्भ में न्याय की देवी या देवता कौन है । ज्ञानी जन कृपया ज्ञानवर्धन करें !

15 टिप्‍पणियां:

  1. शनि देव न्याय के देवता हैं किंतु उन्हें गुस्सैल विघ्नकर्ता के रूप में चित्रित किया गया और उनकी न्याय के देवता के रूप में प्रतिष्ठा नही की गई जबकि वो मूलतः न्याय के देवता हैं ...!!

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  2. Akhir kyu nyay ki devi ki ankho par patti bandhi hoti hai kom hai nyay ki devi

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    1. ताकि न्याय की के हाथ मै तलबार है ताकि बह निर्भीकता से अपना न्याय कर सके और आंखो पर पट्टी इसलिए है ,ताकि उनका न्याय किसी एक तरफा ना हो ओर वह न्याय समान रूप से कर सके ।

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  3. गांधारी जी है जो सत्यवती और सत्यव्रत की बेटे की पत्नी थी जो अपनी आंख में पट्टी बांधकर रखती थी जिन्हें धर्म की देवी भी कहा जाता था

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    1. गांधारी का पति अंधा था इसलिए उसने भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी वह अंधी नहीं थी

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  4. इसमें कोई शक नहीं कि यह गांधारी नहीं है यह गांधारी ही है

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  5. यह गांधारी ही है जिन कौरव पांडव को धर्म का राजा कहा जाता था उन्हीं के परिवार से थी यह घर में देवी थी

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  6. हमने इसके बारे में इतिहास में पढ़ा है कि न्याय की देवी गांधारी को कहा जाता था

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  7. हमने इनके बारे में इतिहास पढ़ते है कि यह गांधार देश की गांधारी थी जिन्हें न्याय की देवी जी कहते थे और यह हमेशा आंखों में पट्टी बांधकर रहती थी कौरव पांडव के परिवार की थी , इसीलिए आज भी कचहरी और अदालतों में गीता की कसम खिलाई जाती है और गीता के आधार पर सभी को न्याय दिया जाता है

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  8. यह गांधार देश के राजा की पुत्री गांधार है जो अपनी आंखों पर हमेशा पट्टी बांध कर देती थी इन्हें न्याय की देवी भी कहा जाता है इनका जिक्र महाभारत की गीता में है इसीलिए आज भी कचहरी अदालतों में गीता की कसम खिलाकर न्याय किया जाता है इसीलिए आज भी गीता का इस्तेमाल न्याय के लिए होता है यह बिल्कुल सत्य है ऐतिहासिक ग्रंथों के आधार पर आधारित है

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  9. Judge ki devi ke kis hand me talwaar hota hai aur kis hand me taraju

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