बुधवार, 27 जुलाई 2016

गाय के नाम पर गुंडागर्दी का विरोध

जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि गाय झुट्ठे माता बनी हुई है । उपयोगिता में भैंस भी उतनी ही उपयोगी है और गाय वाले खतरे भी उससे जुड़े हुये नहीं है । गाय पालने का जिम्मे कथित गौ भक्तों जो दरअसल गुंडे हैं छोड़ दिया जाये । यकीन मानिए गाय उनके गले की हड्डी बन जाएगी जिसे न वे पाल सकते हैं न खा सकते हैं । जो गौ रक्षा कानून गाय के संरक्षण के लिए बना है , वही गाय के विलुप्तिकरण का कारण बनेगा ।
दूध के लिए भैंस पालिए। चमड़े के लिए भैंस पालिए । मांस के लिए भैंस पालिए । गाय खरीदना ,गाय पालना, मरी हुई गाय उठाना , उनका खाल निकालना , आदि छोड़ दीजिये ।
गुजरात में जिस तरह दलितों ने कथित गौ रक्षकों द्वारा दलितों की पिटाई के बाद प्रतिरोध किया , वह सराहनीय है। कर्नाटक में भी इस तरह की एक घटना के बाद दलित सड़क पर उतर आए और बीफ पार्टी दी। ( अपुष्ट खबर) । इस तरह के विरोध को देश व्यापी बनाने की सख्त जरूरत है । गाय के नाम पर गुंडागर्दी का हर स्तर पर विरोध कीजिये - संसद से सड़क तक । संस्कृति से अर्थ तक !

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