कृपया पारदर्शिता बरतें !
पिछले दिनों नए पीओ के नौकरी में कनफर्म करने
से पहले शाखा प्रबन्धकों से रिपोर्ट मांगी गई थी । ऐसा ही एक पीओ भी मेरे शाखा में
था । हालांकि यह गोपनीय कार्य था, जो मेरे नजर में अनावश्यक है। प्रक्रिया
नहीं , गोपनियता। इसलिए मैंने उसे ब्लैंक सीट का प्रिंट दिया और नंबर देते हुये बताया कि उसे
कितना नंबर दिया और क्यों ?
मेरे निजी मत में ऐसी सीट हर नए ऑफिसर को जॉइन
करते ही उपलब्ध करा दिया जाना चाहिए ताकि उसे यह स्पष्ट हो कि उससे क्या अपेक्षा है, और उसका मूल्यांकन किस आधार पर होने वाला है। कल्पना कीजिये पहली बार नौकरी
करने वाले को कैसे आइडिया होगा कि उससे क्या अपेक्षित है। सीनियर ऑफिसर गाइड करने के
लिए होते हैं , ठीक है लेकिन उसे लिखित में दिये जाने से क्या
परेशानी है ।? अनावश्यक गोपनीयता से क्या फायदा है?
मेरा निजी मत है कि हमारे जैसे – जो अब एकदम
नए भी नहीं और न ही बहुत पुराने हैं – पर यह ज़िम्मेदारी है कि जो शिकायतें हमें अपने
सीनियरों से हैं , हम अपने जूनियरों को उन शिकायतों
का मौका न दें । हम पॉलिसी नहीं बना सकते हैं सही है । लेकिन फीड बैक देना हमारे हाथ
में है और इसका संग्यान लिया जाता है । अप्रत्यक्ष रूप से हम पॉलिसी को प्रभावित कर
सकते हैं । दूसरे प्रैक्टिस हमारे हाथ में है। यदि हम अपने लिए पारदर्शिता की मांग
करते हैं तो हमें अपने अधिनस्थ कर्मचारियों के प्रति पारदर्शिता अपनानी होगी। यकीनन
इससे कोई रातोरात कार्य संस्कृति में बदलाव नहीं आने वाला , लेकिन
फर्क जरूर पड़ेगा।
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