गुजरात के शिक्षा मंत्री की आलोचना हो
रही है कि उन्होने एलीफेंट की स्पेलिंग गलत लिखी। ईमानदारी से कहूँ कि खबर पढ़ने के
बाद मैंने याददाश्त के सहारे एलीफेंट की स्पेलिंग कहना चाहा पर तुरंत याद नहीं कर
पाया । डिक्शनरी देखनी पड़ी ।
सच पूछिए तो इन दिनों ऑटो
करेक्ट/स्पेलिंग चेक के कारण लोग इतना ध्यान ही नहीं देते।सुविधा का साइड इफेक्ट है जैसे मोबाइल आने के बाद किसी का फोन
नंबर याद नहीं रहता । छात्र जीवन के बाद जो सायास पढ़ने लिखने से नहीं जुड़े हैं, उनका सामान्य ज्ञान, भाषा
ज्ञान धुंधला पड़ता जाता है। ऐसा होना कोई अपराध नहीं है , भले
ही यह स्थिति वांछनीय न मानी जाए।बेहतर है हमारे नेताओं की आलोचना ऐसे नॉन
-इश्यूओं को लेकर न हो, वरन ठोस नीतियों और कार्यक्रमों को
लेकर हो जिनसे हमारा आपका जीवन प्रभावित होता है।
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