योग पर कुछ टिप्पणियाँ
दिक्कत है कि इस दिनों मुद्दा कोई भी हो, पाला खींच जाता है। या तो आप समर्थन में है या विरोध में। विषय की जटिलता
और बहुस्तरीयता जैसे कोई मायने ही नहीं रखती । एक पक्ष वाले दूसरे को समझने के बजाय
गलत साबित करने पर तूल जाते हैं । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भी इसी तरह पाला खींचा
हुआ है ।
मैं किसी भी पाले में खुद को नहीं पाता हूँ।
ऐसा नहीं कि इस बारे में विचार स्पष्ट नहीं है । बल्कि ऐसे पाला खींच कर किसी मुद्दे पर विचार करना मुझे गलत लगता है । चाहे
मुद्दा कुछ भी हो !
खैर ! अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक अच्छी पहल
है । योग के बार में अतिशयोक्तिपूर्ण दावे मानने योग्य नहीं है , लेकिन
योग एक अच्छा साधन है शरीर और मन को स्वस्थ रखने का । इसे कोई भी कुछ दिन अभ्यास करके
महसूस कर सकता है । लेकिन यह एकमात्र साधन नहीं है ।
दूसरे पतंजलि का योग मोक्ष प्राप्ति का साधन
है और आष्टांगिक मार्ग है , लेकिन वर्तमान समय में इसे सिर्फ फिटनेस के उद्देश्य से अपनाया जा रहा है और फोकस
आसान और प्राणायाम पर है । थोड़ा बहुत ध्यान पर भी । मूल स्वरूप में योग हिन्दू धर्म
से जुड़ा है अतएव नास्तिकों और अन्य धर्मावलम्बियों को एतराज होता है , लेकिन स्वास्थ्य के उदेश्य से आसान, प्राणायाम और ध्यान
करने में किसी को एतराज नहीं होना चाहिए । फिर भी योग करने न करने का फैसला व्यक्ति
पर छोड़ देना चाहिए । जीवन शैली के संबंध में कोई दवाब उचित नहीं और न ही सफल होता है
।
योग समर्थकों का यह आरोप हास्यास्पद है कि वामपंथियों
, कांग्रेसीयों ने फैलने से रोका या हिन्दू धर्म से जुड़े होने के कारण इसका
विरोध होता है। हकीकत है कि योग कभी आम गृहस्थ लोगों के लिए माना ही नहीं गया । यह
तो साधुओं के लिए माना गया । यह इतना चामत्कारिक और पवित्र मान लिया गया कि आम जनता के लिए यह रह ही
नहीं गया । आधुनिक काल में यह आम जनों के बीच लोकप्रिय हुआ है । मुंगेर बिहार में योग विश्वविद्यालय है
। पहले आयंगर और अब बाबा रामदेव ने इसे लोकप्रिय बनाया । विदशों मे भी योग और इसके
कई आधुनिक प्रकार जैसे पावर योगा काफी लोकप्रिय हैं। मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
की शुरुआत की है , योग की नहीं । योग पहले ही जड़ें जमा चुका है
।
फिर कहना चाहूँगा कि सरकार का ध्यान सिर्फ योग
पर नहीं होना चाहिए , स्वास्थ्य होना चाहिए । आधुनिक
मेडिकल साइंस का कोई विकल्प नहीं है । योग एक फिटनेस टूल है , व्यायाम के अन्य प्रकारों की तरह । मेरे निजी मत में युवा लोग योग के बजाय
खेलने ( फुटबौल , बैडमिंटन आदि ) और जिम पर ज्यादा ध्यान देना
चाहिए । योग को सहयोगी टूल के रूप में अपनाना चाहिए । योग बूढ़े और बीमार लोगों के लिए
ज्यादा उपयुक्त है जो व्यायाम के अन्य तरीके नहीं अपना सकते ।
और योग को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल करना योग की लोकप्रियता घटाएगा ही । और इसका विरोध योग का विरोध नहीं है ।
और योग को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल करना योग की लोकप्रियता घटाएगा ही । और इसका विरोध योग का विरोध नहीं है ।
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