बुधवार, 4 नवंबर 2015

राष्ट्रीय पार्टी कहाँ है !?

हमारे देश मे फिलहाल राष्ट्रीय पार्टी के नाम पर दो ही पार्टी नजर आती है !एक भाजपा जो फिलहाल सत्तासीन है !लेकिन इसके साथ  दिक्कत यह है कि इसके राष्ट्र मे अल्पसंख्यक और दलित या तो स्वीकार्य नहीं है या दोयम दर्जे मे स्वीकार्य है !ऐसे मे इसे राष्ट्रीय मानना मेरी नजर मे सही नहीं है !यह सिर्फ इस मायने मे राष्ट्रीय है कि पूरे भौगोलिक भारत को दृष्टि मे रखती है , क्षेत्रीय पार्टियों के मुक़ाबले ! दूसरी ओर कांग्रेस है जिसकी हालत फिलहाल खस्ता है !जिस राहुल गांधी पर भरोसा किया जा रहा है वे ज्यादा उम्मीद नहीं जगाते !गांधी परिवार को अपदस्थ कर कोई जमीन से जुड़ा नेता इसकी कमान संभाले यह दूर की कौड़ी लगती है !फिलहाल तो कांग्रेस खुद का अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है !तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बसपा अपनी राष्ट्रीय पहचान खोने के कगार  पर है !यह बस उत्तर प्रदेश की पार्टी और मायावती प्राइवेट लिमिटेड  होकर रह गई है !वामपंथी पार्टियां इस कदर अप्रासंगिक हो चुकी है कि उनका जिक्र तक नहीं होता !वे "अन्य पार्टियां " मे सिमट जा रहे हैं कहीं तो वह भी नहीं !दो राज्य मे मौजूद हैं वह भी पता नहीं कब तक !अन्य क्षेत्रीय पार्टियां - मसलन शिवसेना , डीएमके, एडीएमके ,बीजेडी , जेडी यू ,तृणमूल , समाजवादी आदि अपने अपने राज्य की पार्टियां हैं !इसमे से अधिकांश एक परिवार प्राइवेट  लिमिटेड है ! ये अपने राज्य से बाहर जाने की ख़्वाहिश भी नहीं रखते , राष्ट्रीय होने की बात तो दूर है !
सबसे बड़े लोकतन्त्र का दावा करने वाले देश मे यह विकल्पहीनता दुखद है !अफसोस ज्यादा इसके लिए भी कि हालत मे सुधार की भी गुंजाइश नहीं दिखती !
                                                        द्वारा श्रवण

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