मंगलवार, 3 नवंबर 2015

सरकार की आलोचना के बारे मे कुछ टिप्पणियाँ !

नोट किया जाये !
-सरकार देश नहीं होता ! सरकार की आलोचना देशद्रोह नहीं है !

-कोई सरकार बहुमत से चुनकर आई है इसका मतलब यह नहीं कि सरकार को पाँच साल मन माने ढंग से काम करने दिया जाए !

-लोकतन्त्र जनता का शासन है और शासन कार्य मे जनता का हस्तक्षेप जरूरी है ! आलोचना करना शासन मे सहभागिता है !

- सरकार की तारीफ करने केलिए  तो पूरा प्रचार तंत्र है !जनता को यह कार्य करना जरूरी नहीं !दुबारा चुनना सरकार को दी जाने वाली जनता की सबसे बड़ी शाबाशी  है !

-सरकार विपक्ष के प्रति नहीं , जनता के प्रति जवाबदेह है ! इसलिए सरकार पिछली सरकार की गलतियों की आढ़ मे नहीं छिप सकती ! उन्हे गलत माना इसलिए उसे हटकर आपको लाया गया !

कुछ बहसों पर टुकड़ा टुकड़ा टिप्पणियाँ !

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