सोमवार, 2 नवंबर 2015

मोदी जी जो लोन दे रहे हैं !

मोदी जी जो लोन दे रहे हैं !

अपने ऑफिस ( बैंक )  मे बैठा हूँ !प्रधानमंत्री द्वारा प्रायोजित मुद्रा योजना के बारे मे पढ़-सुनकर लोन लेने वालों की लाइन लगी है ! एक बातचीत !

-मोदी जी जो लोन दे रहे हैं !वह लेने आए थे !
-पहले बैठिए ! भाई  !योजना प्रधानमंत्री द्वारा लागू की गई है ! उनके नाम से है ! लेकिन लोन बैंक दे रही है , मोदी जी नहीं !दूसरे यह  अनुदान नहीं है , लोन है , कर्जा है , ऋण है जिसे आपको नियमानुसार समय से लौटना है !न लौटाने पर नियमानुसार कार्यवाई होगी !यह सोचकर मत लीजिये कि लौटना नहीं पड़ेगा , माफ हो जाएगा !वैसे आप करते क्या है !?
- कुछ नहीं ! लोन मिलता तो कुछ करते !
- भाई ! ऐसा है !बैंक सिर्फ पैसा देगी ! बाकी धंधा तो आपको करना है !इसलिए पहले तय कीजिये कि क्या करना है , कैसे करना है , अपनी कितनी पूंजी लगानी है , कितनी आय संभावित है और बैंक का ऋण किस हिसाब से लौटना है !तब ऋण के लिए बैंक आइये !वैसे कितने पैसे चाहते हैं बतौत कर्ज !?
-दस लाख मिल जाता तो अच्छा था ?
-क्या करेंगे दस लाख का !?
-थोड़ा पैसा फिक्स करते ! थोड़ा काम मे लगाते !
- भाई ! सिर्फ पैसे से बिजनेस नहीं होता !पैसा लेंगे तो बैंक को ब्याज देना पड़ेगा !और फिक्स मे बैंक आपको ऋण से कम ब्याज देगी !ऐसे मे आपको घाटा होगा !पैसे उतना ही लीजिये जितना आपको दरकार है और ऐसे काम मे लगाइए जिससे आपको आय हो ! फिक्स करने के लिए ऋण नहीं मिलता !जमीन खरीदने के लिए ऋण नहीं मिलता ! (हाउसिंग लोन छोडकर !) सूद पर पैसा लगाने के लिए ऋण नहीं मिलता !
- एमपी /एमएलए /पार्षद जी तो ये सब नहीं बताए थे !प्रचार मे भी यह सब नहीं था !
- इस बारे मे मैं कुछ नहीं कह सकता !मैं बैंक के नियमों से बंधा हूँ !और आपको ऋण उसी के हिसाब से मिलेगा! अगर आपको लगता है मैंने कुछ गलत कहा /बताया है तो आप उच्चाधिकारी, लीड बैंक आदि से संपर्क  करने के लिए स्वतंत्र हैं !
इस तरह के कई अगंभीर लोग ऋण के लिए आते हैं जो मुद्रा ऋण को लंगर का प्रसाद समझ रहे हैं ! मैं मुद्रा योजना का समर्थक हूँ ! लेकिन इसका प्रचार जिस तरह से पोलिटिकल माइलेज लेने के लिए किया जा रहा है , उससे बैंक को नुकसान पहुंचेगा , एनपीए बढ़ेगा , फ़्रौड होगा !जरूरी है कि इसे राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाया जाये और गलत इरादों से ऋण लेने वालों से बचाया जाए और वास्तव मे व्यापार/उद्यम करने वालों को इनका लाभ मिले !
                                बैंक_बैंकर                             द्वारा श्रवण

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