सोमवार, 24 जुलाई 2017

विश्वविद्यालय में टैंक


यह खबर चौंका देने वाली लग सकती है - लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में बिल्कुल नहीं है - कि जेएनयू के कूलपति विश्वविद्यालय में टैंक लगाना चहते हैं ताकि विद्यार्थियों में "देशभक्ति " की भावना आए । 
पिछले दिनों जेएयू पर कई तरह के हमले हुए हैं । इसे बदनाम करने और प्रतिरोध की संस्कृति को नष्ट करने के कई उपाय किये गये हैं । साथ ही सीट कटौति जैसे छात्र और शिक्षण विरोधी कदम उठाए गये हैं । 
टैंक की स्थापना का विचार भी इसी दमन की अगली कड़ी है । इसका उद्देश्य छात्रों में देशभक्ति की भावना नहीं , बल्कि भय का संचार करना है । टैंक प्रतीक है निर्कुश सत्ता और दमन का , देशभक्ति का नहीं ।
यह भी गौरतलब है कि जेएनयू में परास्नातक और शोध करने वाले छात्र होते हैं । उन्हें प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों की तरह कोई भी बात - भले ही वह देशभक्ति हो - घूट्टी में नहीं पिलाई जा सकती है ।
विश्वविद्यालय को ज्ञान और शोध का केंद्र बने रहना चाहिए । यह अफसोस की बात है कि उच्च शिक्षा के शीर्ष संस्थान के कूलपति की चिंता में शिक्षा नहीं , देशभक्ति है ।

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