मंगलवार, 3 मई 2016

मेरे बहुजन मित्रों - आरक्षण भीख नहीं है !


आरक्षण भीख नहीं है !
अक्सर जातीय दंभ से भरे सवर्ण मित्र ये कहते पाये जाते हैं कि आरक्षण तो भीख है !मेरे बहुजन मित्रों यह जान लीजिये कि आरक्षण संवैधानिक अधिकार है !भीख नहीं !आरक्षण बहुजनों के उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का  उपाय है!
लोकतन्त्र में सरकार नागरिकों की बेहतरी के लिए कई तरह के उपाय अपनाती है !आरक्षण भी उनमें से एक है !इन उपायों को भीख कहना नासमझी है !कुंठा की उपज है !
दूसरे समाज के दूसरे वर्गों की बेहतरी के लिए भी सरकार ऐसे उपाय अपनाती है जैसे महिलाओं के लिए आरक्षण , मातृत्व अवकाश आदि !इसका फायदा सवर्ण महिलाएं भी उठाती हैं !
कई अन्य उपाय भी हैं जैसे उच्च सरकारी शिक्षण संस्थानों की फीस सब्स्डाइज्ड होती है !एम्स जैसे संस्थानों में इलाज सब्स्डाइज्ड होता है !गैस में सबसीडी दी जाती है !सेना के लोगों को नोमीनल कीमत पर ढेर सारी चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं !
और तो और धनाढ्य उद्योगपति वर्ग के लिए भी कई तरह के टैक्स छुट , जमीन अधिग्रहण में सहयोग आदि है !इन्हे कोई भी भीख नहीं कहता !उसका फायदा उठाने वाले भिखारी नहीं कहलाते !
अलग अलग योजनाओं के लाभूक अलग हैं !आरक्षण बहुजनों के हित में है !उसका लाभ उठाने के कारण हमें शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं , न ही जातीय दंभ से भरे किसी सवर्ण के सामने सफाई देने की जरूरत है !
#मेरे_बहुजन_मित्रोंv


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