सोमवार, 2 मई 2016

मेरे बहुजन मित्रों -जातिवाद खत्म नहीं हुआ है !



जातिवाद तो खत्म हो गया है !?
जब भी जाति पर कोई पोस्ट डालता हूँ , ढेर सारे लोग कहने आ जाते हैं – जातिवाद तो खत्म हो गया है !मुझे हैरत नहीं होती जब देखता हूँ ऐसा कहने वाले लगभग सभी सवर्ण होते हैं !
यह तब है जब कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता जब अखबार में दलित पर होने वाले अत्याचार से संबन्धित खबर नहीं छपती ! ऐसा नहीं है कि ये खबरें लोकल अखबारों में छपती हैं ! नेशनल डेली भी इन खबरों से भरा रहता है !साथ में दर्ज होता है प्रशासन द्वारा संगठित उपेक्षा !
कई सर्वे के नतीजे जो इनही अखबारों में छपते हैं , बताते हैं कि परिवर्तित रूप में छूआछूत आज भी जारी है !शासन और संवैधानिक निकायों में इनकी उपस्थिती कम है !
खुद शहर/गाँव में घूमने निकलिए !खुद ही लोगों से बात कीजिये !दस मिनट की बातचीत में गहरे धंसा हुआ जातिवाद सतह पर तैरने लगेगा !
फेसबुक पर ढेर सारे सवर्णों की प्रोफाइल देखिये, जहां वे घृणित भाषा में दलितों ( और मुसलमानों के भी ) के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं !भूमिहार समाज/परशुराम सभा /राजपूत राज करेगा –आदि नाम से ढेर सारे पोस्ट/फोटोशोप वायरल होते रहते हैं जिसमें सवर्णों के जातीय गौरव का गुणगान भरा होता है और दलितों/पिछड़ों के प्रति जहर !
लेकिन  डिकास्ट होने का दावा करने वाले हमारे सवर्ण मित्रों को यह दिखता ही  नहीं है , विरोध करना तो दूर की बात है !दरअसल देख कर आँख बंद कर लेने वालों को कोई कुछ नहीं दिखा सकता है !उन्हे दिखाना और मनवाना हमारा मकसद भी नहीं होना चाहिए !
मेरे बहुजन मित्रों ! वे इंकार कर सकते हैं , हम इंकार नहीं कर सकते !हमारे लिए जातिवाद की पहचान और  उसका प्रतिकार जरूरी है !

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