बुधवार, 21 सितंबर 2016

प्रेम में हत्या



दिल्ली में एक तिरस्कृत प्रेमी ने लड़की की विभत्स हत्या कर दी । यह कोई अकेली घटना नहीं है । प्रेम/शादी का प्रस्ताव ठुकराए जाने पर कई लड़के उत्पीड़न , बलात्कार , एसिड अटैक ,यहाँ तक कि हत्या तक पर उतारु हो जाते हैं । जिस तरह इज्जत के नाम पर होने वाली हत्या/अपराध को जायज नहीं ठहराया जा सकता , उसी तरह प्रेम के नाम पर होने वाले अपराध को जायज नहीं ठहराया जा सकता है ।
आप किसी से कितना भी प्रेम करें , उसे खुद से प्रेम करने के लिए विवश नहीं कर सकते । यह नैतिक रुप से गलत तो है ही , उससे बड़ी वजह है कि आप बलप्रयोग से प्रेम नहीं पा सकते । अगर बल प्रयोग हुआ तो वह बलात्कार है । कोई प्रेम अपनी वजहों से ही करेगा । अगर आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसके निर्णय का सम्मान कीजिए, भले ही यह "न " हो । अगर वह आपके बगैर खुश है तो उसे जाने देना चाहिए । और उसके फैसले की एक्सप्लेशन माँगना सही नहीं है । उसकी जिंदगी, उसकी मर्जी ।
अब जरा उस पुरुष की दृष्टि से देखें ! क्या मिला उसे हत्या करके ? जेल ! हत्या करके उसने अपनी भी जिंदगी बर्बाद की । यदि वह फैसला स्वीकार कर जाने देता तो उसके जीवन में प्रेम की संभावना बनी रहती । अगर स्त्री के लिए नहीं तो अपनी सलामती के लिए ही प्रेम में असफल होने पर हिंसक प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए । आहत अहं को सहलाने के लिए और भी रास्ते हैं ।



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