शुक्रवार, 18 मार्च 2016

फर्क पड़ता है !

वे कहते हैं - लिखने से कुछ नहीं होता !
फिर लिखने वालों के पीछे भाड़े के गुंडे रियल /वर्चुअल दोनों जगह पर दौड़ा देते हैं !
वे कहते हैं -नारा लगाने से कुछ नहीं होता !
फिर नारा लगाने वालों पर मुकदमा दायर कर देते हैं !
वे कहते हैं -धारणा प्रदर्शन से कुछ नहीं होता !
फिर धारणा /प्रदर्शन पर लाठी चार्ज करवा देते हैं !
मतलब वे कुछ भी कहें , लिखने से फर्क पड़ता है !
नारों से फर्क पड़ता है !
प्रदर्शन से फर्क पड़ता है !
:-) :-)

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