रविवार, 31 जनवरी 2016

अपने अपने दुख

एक गुब्बारे का फुट जाना बच्चे के लिए सारी दुनिया लूट जाने जैसा है और उसके पिता के लिए एक मामूली बात !
आज खाना बढ़या नहीं बना है - यह पति के लिए समान्य कथन है और पत्नी के लिए जिसकी दुनिया रसोई से बंधी है मर्मांतक पीड़ादायी !
दुर्घटना में एक की मौत - यह खबर पत्रकार के लिए मामूली है और मृतक के संबंधियों के लिए वज्राघात !
किसी लखपति का सौ रुपया गुम जाए तो उसे पता नहीं चलता और दैनिक मजदूरी करने वाले को लगता है उसका सबकुछ लूट गया !
सबके अपने अपने दुख हैं !
#दुख

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