कबाली
फिल्म कैसी थी , उससे पहले बता दूँ कि कई लोग फिल्म देखते हुये बीच में ही उठ कर चल दिये ।
फिल्म इतनी भी बुरी नहीं थी , आखिर !
रजनीकान्त या किसी भी सुपर
स्टार की फिल्म पॉर्न सरीखी होती है , एक्ट एक ही होता है , वही
बार बार दोहराया जाता है फिर भी दर्शक उत्तेजना के शमन के लिए देखते हैं । पूरी
फिल्म में रजनीकान्त छाए है । यही अपेक्षित भी था । लेकिन उनका जो लार्जर दैन लाइफ का किरदार है वह उभरता नहीं है । शुरुआत
और अंत में एक्शन दृश्य अच्छे है , लेकिन बीच में अपनी पत्नी को ढूंढते हुये रजनीकान्त एक थके हुये बूढ़े लगते हैं । फिल्म इस समय इतनी धीमी हो जाती है कि आप फेसबुक
चेक करने लगेंगे ।
स्टार के साथ स्टोरी भी चाहिए होती है । नहीं
भी है तो चलेगा , लेकिन फिर दर्शक को बांधे रखने
के लिए कुछ तो चाहिए न ? कॉमेडी , गाने
। वह भी नहीं है । वैसे फैन तो शायद रजनीकान्त के देखने आते हैं फिल्म नहीं । खैर !
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