महान खिलाड़ी वह है जिसकी जीत से
ज्यादा चर्चा उसकी हार की होती है । चर्चा जोकोविक के हार की है , सैम की नहीं , हालांकि
वह ज्यादा तारीफ का हकदार है। इन दिनों लगने लगा था कि सभी टेनिस खिलाड़ियों ने
जोकोविच के सामने समर्पण कर दिया है। किसी भी खिलाड़ी का कद जब खेल से बड़ा हो जाता
है तो मुझे अच्छा नहीं लगता । मैं अनायास ही उसके हार और पतन की कामना करने लगता
हूँ । एतराज किसी खिलाड़ी या उनके जीत से नहीं, इस वर्चस्व से
है जिसमें दूसरा उसे हराना तो दूर चुनौती भी पेश नहीं कर पाये !
ऐसे में जोकोविच का हारना और वह भी
फाइनल या सेमी फाइनल में नहीं बल्कि तीसरे राउंड में हारना टेनिस के लिए अच्छा है
।परंपरा से ग्रैंड सलाम मुक़ाबले ऐसे सेट किए जाते हैं कि ऊंची पायदान के खिलाड़ी
शुरुआती दौर में आपस में न भिड़ें । ऐसे में एक नामालूम खिलाड़ी सैम द्वारा जोकोविच
का हारना बड़ी खबर है । फाइनल में फेडरर या मरे से हार जाते तो इतनी बड़ी बात नहीं
होती ।
मुझे फेडरर से सहानुभूति है और चाहता
हूँ कि वह कम से कम एक ग्रैंड स्लैम उसमें भी विम्बलडन जरूर जीते । लेकिन ज्यादा
खुशी होगी यदि कोई नया विजेता मिलता है। तो इस विम्बलडन में सैम के लिए शुभकामनाएँ
!
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