मंगलवार, 24 जनवरी 2017

किसी महिला को कहना - आप अंदर भगवा चड़ढी पहनती हैं - महिला का अपमान कैसे हो गया ?



इंडियन एक्सप्रेस में एक दिलचस्प खबर पढ़ी । एक शायर ने दूसरे शायर को कहा कि वे भी अन्य सरकारी अफसरों की तरह कपड़ों के नीचे भगवा चड़्ढी पहने लगी हैं ।जिनके बारे में कहा गया वह महिला है । देवीजी कोर्ट चली गई हैं और कहने वाले को समन जारी हुआ है । उनका कहना है कि उनके अंतर्वस्त्र के रंग का हवाला देकर उनके मान (डिगनिटी ) को चोट पहुँचाई !
मेरे ख्याल से यहाँ महिला वाला एंगल गलत लगाया जा रहा है । इनदिनों भाजपा और संघ के प्रति ढका छूपा लगाव रखने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला जूमला है । पतलून /धोती के नीचे भगवा चड्ढी पहनना मने छूपे तर्ज पर उग्र हिंदूत्ववादी विचारधारा के प्रति सहानुभूति या खाकी चड़ढी पहनना मतलब संघ के गणवेश का हवाला देते हुए उनके प्रति सहानुङूति या भितरी संबंध । यह एक आम जूमला है , धडल्ले से प्रयुक्त होता है और इसका संबंध भाजपा या संघ के विरोध से है ।इन दिनों मुलायम और अखिलेश पर यह आरोप ज्यादा लगा है । अखबार और सोशल मीडियी भरा पड़ा है ।
यकीनन किसी महिला को कहे जाने पर गलत मतलब निकलने की पूरी संभावना है । लेकिन गलत मतलब निकालना गलत होगा । कोई भी सामान्य पढ़ा लिखा समझ सकता है कि जूमले का अर्थ क्या है और यह महिला के अंतर्वस्त्र पर कमेंट नहीं था । यहाँ जबरदस्ती जेंडर एंगल निकालना बदनियती का सबूत है । और केस करना हास्यास्पद है । ज्यादा सही होता कि महिला होने की आड़ में छूपने के बजाए जवाब देतीं कि क्यों उनपर यह आरोप गलत है !न देना चाहतीं तो न देतीं । आखिरकार भाजपा औप संघ का समर्थन कोई अपराध तो नहीं , उल्टे मौजूदा परिवेश में फायदे का सौदा है ।







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