स्टैंड अप इंडिया
आप किसी मिठाई की बड़ी दुकान में जाएँगे
तो शोकेस में ढेर सारी मिठाइयाँ सजी हुई होंगी । इनमे से ढेर सारी मिठाइयाँ खोए की बनी होती है जो रंग
और आकार में ही अलग होती हैं लेकिन खाने
में स्वाद एक जैसा ही होता है । किसी को चंद्राकार काटा और नाम रख दिया –
चन्द्रकला । किसी को डायमंड शेप मे काटा और नाम रख दिया – डायमंड । किसी को तीन रंगों में रंग दिया और नाम रख दिया - डायमंड
। किसी को हरे रंग में रंग दिया और नाम दिया -हरियाली । किसी को तीन रंगों में रंग
दिया और नाम रख दिया - तिरंगा । आदि । यानि एक ही मिठाई थोड़े फेर बदल के साथ अलग
अलग नामों से बेची जाती है । इससे ग्राहकों को भ्रम होता है कि उसके पास ढेर सारे
विकल्प हैं लेकिन सच यह नहीं होता ।
इसी तरह एक स्कीम थी और है भी -
सीजीटीएमएसई। इसके तहत बैंक उद्यमियों को कोलेटरल फ्री लोन ,
जिसमें अतिरिक्त सेक्यूरिटी के रूप में जमीन, बीमा
, जमा राशि आदि नहीं लिया जाता है , उपलब्ध कराता है जिसकी गारंटी
सीजीटीएमएसई फंड लेता है । मोदी जी ने जो
नई स्कीम लाई है पहले मुद्रा और अब स्टैंड अप इंडिया - इसी स्कीम के भिन्न रूप है।
सीएसटीएमएसई में 1 करोड़ तक कवर था । मुद्रा में 10 लाख तक और 10 लाख से 1 करोड़ तक
स्टैंड अप इंडिया में -अलग अलग कर दिया गया है। सीजीटीएमएसई सबके लिए था और स्टैंड अप एससी/एसटी/महिला
उद्यमियों के लिए है । सीजीटीएमएसई में
ट्रेडिंग शामिल नहीं था , मुद्रा और स्टैंड अप में ट्रेडिंग
को भी शामिल कर लिया गया । यह बदलाव सिर्फ फीड बैक के साथ आए स्वाभाविक बदलाव हैं
। यानि एक ही स्कीम है जिसे अलग अलग नामों से अलग अलग समूह में अलग अलग लाभूकों
को दिया जा रहा है ।
मोदी जी बहुत अच्छे सेल्स मैन हैं इसमें
कोई शक नहीं है । वे बार बार अपने चाय बेचने का जिक्र करते हैं ।मोदी जी ने कभी
बताया नहीं कि उन्हे मिठाइयाँ बेचने का भी अनुभव है और इसी हुनर से बैंकों में अलग
अलग स्कीम बेच रहे हैं !? बताया है क्या !?
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